...

12 views

कविता: "मोह - माया"
सूरज उग रहा है
आंखो में ये स्वपन गली के लेकर ।


क्या है ये संसार हमारा
जहां किसी का कोई नहीं ।।

यहां लोगों का दिखावा है...