इजहार नहीं किया
मुद्दतों से चाहा है उसको इजहार नहीं किया,
क्योंकि उसने ही कभी मुझसे प्यार नहीं किया।
ना हो मुकम्मल मोहब्बत तो कुछ रास नहीं आता,
प्यार ही इसलिए बेशुमार नहीं किया।
देख ले आज भी वह तो ठहर जाता हूं मैं,
वही है जिसने कभी इंतजार नहीं किया
तुम्हारा क्या जो हर रोज एक लड़की पर मर जाते हो,
मैंने दिल ही किसी को दो बार नहीं दिया।
हां मानता हूं उसकी आंखें और नशा एक चीज है,
वरना रास्ता मयखाने का कभी मैंने इख़्तियार...
क्योंकि उसने ही कभी मुझसे प्यार नहीं किया।
ना हो मुकम्मल मोहब्बत तो कुछ रास नहीं आता,
प्यार ही इसलिए बेशुमार नहीं किया।
देख ले आज भी वह तो ठहर जाता हूं मैं,
वही है जिसने कभी इंतजार नहीं किया
तुम्हारा क्या जो हर रोज एक लड़की पर मर जाते हो,
मैंने दिल ही किसी को दो बार नहीं दिया।
हां मानता हूं उसकी आंखें और नशा एक चीज है,
वरना रास्ता मयखाने का कभी मैंने इख़्तियार...