...

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"इश्क़-ए-UPSC"
तेरा जुनूँ जब सर पर सवार होता है,
मत पूछ के कितना बवाल होता है..
सोचता हूं कर लूं थोड़ा आराम,
फ़िर मन में 'लक्ष्मीकांत की polity' का सवाल होता है..
तेरा जुनूँ जब सर पर सवार होता है...

उभर कर इससे जब सुहानी शाम का इंतज़ार होता है..
हर मर्ज की दवा 'चाय with NIT ghat' (Patna) पर ही विचार होता है..

क्या बताऊँ फिर क्या हाल होता है..
नयन सुख के चक्कर में दिल बे ख्याल होता है,
आकर तभी कानों में चुपके से कोई कह जाता है,
भाई.. 'current affairs' भी रट ले इससे भी सवाल आता है..
कलियों की गलियों में जाता 'मैं'..
डर से वहीँ रुक जाता है..
बार-बार ये दिल बस यहि चिल्लाता है,
साली अपनी 'affair' की तो लगी पड़ी है..
यहां 'current affairs' भी जी का जंजाल बन जाता है..
तेरा जुनूँ जब सर पर सवार होता है,
मत पूछ के.....!

जब थक हार कर इक कोने में बैठ जाता हूँ..
Articles के चक्कर में, अपनों का number तक भूल जाता हूँ..
UPSC है, या है साला पहाड़,
क्यों कर रहा UPSC, सोच पल भर को मलाल आता है..
तभी घर से माँ का call आता है,
उठाते ही call, बस एक सवाल आता है..
"कैसा है मेरा IAS बेटा?"
बस सुन इतना लहू में उबाल आता है
कैसे हार गया तू हिम्मत क्यों उससे डर जाता है..
कर के खुद से वादा फिर इक बार UPSC
से भिड़ जाता है..
फ़िर क्या सुबह और शाम, दिन और रात का पता कहाँ चल पाता है..

छोड़ दिल्लगी फिर ये दिल "इश्क-ए-UPSC"
में लग जाता है..
के तेरा जुनूँ जब सर पर सवार होता है,
मत पूछ के कितना बवाल होता है..!


© rahul(jigar)