"इश्क़-ए-UPSC"
तेरा जुनूँ जब सर पर सवार होता है,
मत पूछ के कितना बवाल होता है..
सोचता हूं कर लूं थोड़ा आराम,
फ़िर मन में 'लक्ष्मीकांत की polity' का सवाल होता है..
तेरा जुनूँ जब सर पर सवार होता है...
उभर कर इससे जब सुहानी शाम का इंतज़ार होता है..
हर मर्ज की दवा 'चाय with NIT ghat' (Patna) पर ही विचार होता है..
क्या बताऊँ फिर क्या हाल होता है..
नयन सुख के चक्कर में दिल बे ख्याल होता है,
आकर तभी कानों में चुपके से कोई कह जाता है,
भाई.. 'current affairs' भी रट ले इससे भी सवाल आता है..
कलियों की गलियों में जाता 'मैं'..
डर...
मत पूछ के कितना बवाल होता है..
सोचता हूं कर लूं थोड़ा आराम,
फ़िर मन में 'लक्ष्मीकांत की polity' का सवाल होता है..
तेरा जुनूँ जब सर पर सवार होता है...
उभर कर इससे जब सुहानी शाम का इंतज़ार होता है..
हर मर्ज की दवा 'चाय with NIT ghat' (Patna) पर ही विचार होता है..
क्या बताऊँ फिर क्या हाल होता है..
नयन सुख के चक्कर में दिल बे ख्याल होता है,
आकर तभी कानों में चुपके से कोई कह जाता है,
भाई.. 'current affairs' भी रट ले इससे भी सवाल आता है..
कलियों की गलियों में जाता 'मैं'..
डर...