...

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बस इतना सा फर्क हैं....
हम में बस इतना सा फर्क हैं

के में सब कुछ केह देता हूँ
और वो कुछ कह नहीं पाती....

गुस्सा आने पर में चिल्ला लिया करता हूँ! जैसे में समंदर का तूफान
और वो शांत हो जाया करती हैं जैसे नदियों की बहती लहरे।...

में जिद्दी हु!जैसे की गहरी उलझन और,
वो सहज है और समझदार भी जैसे पानी में शक्कर

में किसी की नहीं सुनता और,
वो सबकी सुन लिया करती हैं!

और में जज़्बाती हुँ...
प्यार छुपाए नहीं छुपा पाता,
और वो भी मेरे लिए उसकी फिक्र छुपा नई पाती
मेरा प्यार शब्दो में बया हो जाता है.....
और मेरे लिए उसकी खामोशी ही मेरे हर मुकमल सवाल का जवाब,जिसे वो कह नहीं पाती और में अनसुना नही कर पाता
© feelshr❤️