No Title
यूँही तो गुज़र गया ऐ वक्त एहतियात किसे दू ।
ना शौक ना ऐतबार बता ये जरूरत किसे दूं ।
संजिदा ही खड़ा रहा हु मै आईने के सामने ।
गफलत मे ही...
ना शौक ना ऐतबार बता ये जरूरत किसे दूं ।
संजिदा ही खड़ा रहा हु मै आईने के सामने ।
गफलत मे ही...