...

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जीवन सीख
आते जाते
लोग टकराते
बहुत कुछ सीखते
और सिखाते
ध्यान दो तो मन शांत
वरना मन अशांत

बेपरवाही बच्चा सिखाता
मुंह मोड़ना नादानी
ज्ञान तो सब देते
प्रेम तो बस प्रेमी
बांटे तो नफ़रत
बटोरे तो प्यार
सोचे तो अच्छाई
वरना कहा कम है बुराई
पढ़ लिखकर भी
अज्ञानी है कुछ लोग
मूर्खता से भी गए गुज़रे
लालची है लोग

हर बात पर नफा नुक़सान पालते
पर जब मां बाप काम के नहीं लगते
तब उन्ही बच्चो की आंखों में खटकते
जो करे मां बाप की सेवा
उन्हें जरूर मिलता है मेवा
सूखी संसार का सूत्रधार
मां बाप की सेवा जीवन का मूल्य आधार

कुछ दोस्त मुंह पर अच्छे
तो पीठ पर बुरे भी होते है
सबकी परवा करे तो
ज़िन्दगी कहा ही जी पाते हैं

अनजानों की बातों का बुरा कोई नहीं मनाता
दुःख तो तब होता है जब अपना ही समझ नहीं पाता
भरोसा जीतने वाला ही दगा देता है
हार जीत तो एक धोखा है

दर्द मिलता आसपास से जरूर
उम्मीद मगर अब भी बाकी है
शायद रिश्तों का ताल मेल अबी बाकी है
हम जैसे होंगें कहीं
अनुभावों से जीते होंगें कहीं।












© Meet_khullar