वो नादांसा परींदा जैसे
युतॊ रोजमर्रा की आम सी बातें रहती हैं
पर उसे सुनाने में मजा आता हैं,
और मुझे
खामोशी से सुनकर...
पर उसे सुनाने में मजा आता हैं,
और मुझे
खामोशी से सुनकर...