अनोखे रिश्ते
खर्च कर दिया ख़ुद को
एक अनोखे रिश्तों में
ऋण चुका रहा जैसे
छोटे-छोटे किश्तों में
मात-पिता का अनदेखा
हुआ भटक गया रस्ते में
नियत...
एक अनोखे रिश्तों में
ऋण चुका रहा जैसे
छोटे-छोटे किश्तों में
मात-पिता का अनदेखा
हुआ भटक गया रस्ते में
नियत...