"उफ़ ये चाय"
उफ़ ये चाय,
आए हाय,
मन में मेरे कभी भी आए।
सुबह की पहली किरण के संग,
इसकी महक मुझे रास आए,
जीवन के हर संघर्ष में,
नई ऊर्जा की किरण बनाए।
हर घूंट में एक नया एहसास
दिल को मेरे जाने क्यों भाए।
उफ़ ये चाय,
आए हाय,
मन में मेरे कभी भी आए।
शाम की ठंडी हवाओं में,
कुछ नए ख्यालों में ,
एक...
आए हाय,
मन में मेरे कभी भी आए।
सुबह की पहली किरण के संग,
इसकी महक मुझे रास आए,
जीवन के हर संघर्ष में,
नई ऊर्जा की किरण बनाए।
हर घूंट में एक नया एहसास
दिल को मेरे जाने क्यों भाए।
उफ़ ये चाय,
आए हाय,
मन में मेरे कभी भी आए।
शाम की ठंडी हवाओं में,
कुछ नए ख्यालों में ,
एक...