ज़िन्दगी को देखने का नज़रिया
क्यों ना आज ज़िन्दगी को देखने का नज़रिया बदला जाए, जो हैं नहीं उसे छोड़ कर, जो हैं क्यों ना उस पर गौर किया जाए, क्यों ना ज़िन्दगी को देखने का नज़रिया बदला जाए.
जो प्यार नहीं करता उसके प्यार को ज़बरदस्ती पाने की बजाए, क्यों ना जो हमसे प्यार करता हैं उसके प्यार को अपनाया जाए, क्यों ना ज़िन्दगी को नई तरह से देखा जाए,
जो अपना हैं क्यों ना उसे स्वारा जाए ,और ज़्यादा पाने की लालच को छोड़ कर जो है...
जो प्यार नहीं करता उसके प्यार को ज़बरदस्ती पाने की बजाए, क्यों ना जो हमसे प्यार करता हैं उसके प्यार को अपनाया जाए, क्यों ना ज़िन्दगी को नई तरह से देखा जाए,
जो अपना हैं क्यों ना उसे स्वारा जाए ,और ज़्यादा पाने की लालच को छोड़ कर जो है...