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तुमको शायद याद नहीं!
तुमको शायद याद नहीं,
वो दिन कैंसे गुज़रे थे!
सदियों सा पल गुज़र रहा था!
जब दिल के मेरे टुकड़े थे।
यादों से दिल को बहला कर,
में जिया था जब बरसात में!
खुद तोड़े थे सब सपने मेंने,
जो बुने थे तेरे साथ में।
तुमको शायद याद नहीं,
वो दिन कैंसे गुज़रे थे!
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