तब पंख लगें सपनों को..!
मैं डरती नहीं दुखों के तूफ़ानों से,
बंधी नहीं मैं छोटे छोटे अरमानों से,
सबसे बड़ी लड़ाई इन समाज वालों से,
जब मैं तयार...
बंधी नहीं मैं छोटे छोटे अरमानों से,
सबसे बड़ी लड़ाई इन समाज वालों से,
जब मैं तयार...