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❤️❤️
डूबती ठहरती धड़कने
अधखुली उनीदी आंखे
इज़हार करती प्रीत का,
बहकती कांपती सांसे
एक तूफान बाहर बारिश का
इक अंदर तपती ख्वाहिश का
इक आग गीले लबों का
तो एक सुरहुरी छुवन का
बेवजह मुस्कुराना
तेरे सीने में मेरा छिप जाना
सोच रही क्या मैं...
इस लम्हों को खुद में कैद कर लू
कि... यादों के नाम कर दू...❤️
© Madhumita Mani Tripathi
अधखुली उनीदी आंखे
इज़हार करती प्रीत का,
बहकती कांपती सांसे
एक तूफान बाहर बारिश का
इक अंदर तपती ख्वाहिश का
इक आग गीले लबों का
तो एक सुरहुरी छुवन का
बेवजह मुस्कुराना
तेरे सीने में मेरा छिप जाना
सोच रही क्या मैं...
इस लम्हों को खुद में कैद कर लू
कि... यादों के नाम कर दू...❤️
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