किसके लिए...💓💓✍️✍️ (गजल)
मेरे दिल में आशिकी किसके लिए
इन आंखों की मयकशी किसके लिए
खुद को जी रहे हैं या चाहने वालों को
हम जी रहे हैं जिन्दगी किसके लिए
दिल के बाग में एक तितली है 'सत्या'
है फूलों में ये ताजगी किसके लिए
कोई हमें भी चाहे तो कुछ बात बने
हम रखेंगे नाराजगी किसके लिए
हमें टेढ़ी निगाहें, बेरूखी सा रुख ये
बता फिर ये सादगी किसके लिए
दिन- रात कर रहे हैं इबादत तुम्हारी
और करूं मैं ये बन्दगी किसके लिए
हर वक्त रहते हो तुम खुद में मगन
तुम्हें इतनी दीवानगी किसके लिए
© Shaayar Satya
इन आंखों की मयकशी किसके लिए
खुद को जी रहे हैं या चाहने वालों को
हम जी रहे हैं जिन्दगी किसके लिए
दिल के बाग में एक तितली है 'सत्या'
है फूलों में ये ताजगी किसके लिए
कोई हमें भी चाहे तो कुछ बात बने
हम रखेंगे नाराजगी किसके लिए
हमें टेढ़ी निगाहें, बेरूखी सा रुख ये
बता फिर ये सादगी किसके लिए
दिन- रात कर रहे हैं इबादत तुम्हारी
और करूं मैं ये बन्दगी किसके लिए
हर वक्त रहते हो तुम खुद में मगन
तुम्हें इतनी दीवानगी किसके लिए
© Shaayar Satya