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ज़िन्दगी की सीख...
#रहने-दिया
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
साथ नहीं दे सकता जो उसे छोड़ दिया
जो नहीं मेरा उससे सीखता गया
राहों पर कितनों से मुलाक़ात हुई
किसी से खुशी तो किसी से सीख मिली
अपनापन और अकेलापन समझा गईं
ये ज़िन्दगी भी न जाने कितने खेल खेलेती गईं
अपनी होकर भी परायो जैसा बर्ताव करती रही
© kk_jazbaat
#hindipoetry #WritcoPoemChallenge
#kk_jazbaat
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
साथ नहीं दे सकता जो उसे छोड़ दिया
जो नहीं मेरा उससे सीखता गया
राहों पर कितनों से मुलाक़ात हुई
किसी से खुशी तो किसी से सीख मिली
अपनापन और अकेलापन समझा गईं
ये ज़िन्दगी भी न जाने कितने खेल खेलेती गईं
अपनी होकर भी परायो जैसा बर्ताव करती रही
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