खुली क़िताब ज़िंदगी की
हां..बिलकुल खुली किताब सी है ज़िंदगी मेरी,
इसका हर्फ हर्फ कहता है अधूरी कहानी मेरी।।
🍁✍️🍁
बिक गई है ये अपनों के ही हाथों रद्दी के भाव में,
सुनो..यारों सस्ती हूं मैं, हस्ती कोई महान नहीं मेरी।
🍁🍁
देख देख मेरे आंसू जमाना हँसा,...
इसका हर्फ हर्फ कहता है अधूरी कहानी मेरी।।
🍁✍️🍁
बिक गई है ये अपनों के ही हाथों रद्दी के भाव में,
सुनो..यारों सस्ती हूं मैं, हस्ती कोई महान नहीं मेरी।
🍁🍁
देख देख मेरे आंसू जमाना हँसा,...