...

11 views

कुछ यूँ होगा..।।
ये मेरे दिल-ए-ज़िन्दगी का इक और हादसा होगा..,
वो संग-दिल, फिर से मेरी साँसों का हिस्सा होगा ।।

टूटी शाखों से गिरे बिखरे पत्तों की रवानी का क्या..,
वो बेरहम मौसम है जो उनके दर्द का किस्सा होगा ।।

अब मकानों की दीवारें भी चीखती हैं बेतहाशा सी..,
शायद किसी के जाने का ग़म इनको भी हुआ...