लौट आओ ना
अमावस के रात सी है ज़िन्दगी यह मेरी,
हर तरफ अंधेरा है और तन्हाइयां है गहरी,
पूनम का चांद बनके आओ ना,
इस अंधेरे को मिटाओ ना,
भटका हूं सफर में,
मंज़िल दिखाओ ना,
पकड़ के हाथ मेरा
मुझे सारा जग घुमाओ ना,
नज़रे...
हर तरफ अंधेरा है और तन्हाइयां है गहरी,
पूनम का चांद बनके आओ ना,
इस अंधेरे को मिटाओ ना,
भटका हूं सफर में,
मंज़िल दिखाओ ना,
पकड़ के हाथ मेरा
मुझे सारा जग घुमाओ ना,
नज़रे...