एक किस्सा याद आ गया
एक किस्सा याद आ गया
कोई इस दिल को इस तरह भा गया
धीरे धीरे अरमान मालिक छा गया
हुई थी बातें कुछ इस कदर
समझने लगे थे हम तो उन्हे हमसफर
अनजान थे हम जमाने से
अब नही थी हमें कुछ खबर
रखने लगे थे हम भी सब्र
नही पता था अंजाम का
ये बदलेगा कुछ इस कदर
अब उन्हें मिल चुका था
कोई ओर हमसफर
फिर क्या था ।
बस लाइफ...
कोई इस दिल को इस तरह भा गया
धीरे धीरे अरमान मालिक छा गया
हुई थी बातें कुछ इस कदर
समझने लगे थे हम तो उन्हे हमसफर
अनजान थे हम जमाने से
अब नही थी हमें कुछ खबर
रखने लगे थे हम भी सब्र
नही पता था अंजाम का
ये बदलेगा कुछ इस कदर
अब उन्हें मिल चुका था
कोई ओर हमसफर
फिर क्या था ।
बस लाइफ...