आवाज़ों के जंगल में...
आज भी मुझे उसकी तड़प सुनाई देती हैं,
एक अनकही अनजाना सच बयां कर देती हैं।
आज भी ठहरा हुआ हूं उसी अंधेरी गली में,
आज भी जी रहा हूं मैं उसी गुमनाम पल में।
निकलने के...
एक अनकही अनजाना सच बयां कर देती हैं।
आज भी ठहरा हुआ हूं उसी अंधेरी गली में,
आज भी जी रहा हूं मैं उसी गुमनाम पल में।
निकलने के...