हासिल है
सुकून इतना तो किसी के प्यार में नहीं
जितना उसकी नाराजगी में शामिल है
मिलते तो हैं हर रोज अजनबी मुझे
क्या कोई लेकिन दिल्लगी के काबिल है
बाकी रहेंगी कुछ हसरतें लेकिन ...
जितना उसकी नाराजगी में शामिल है
मिलते तो हैं हर रोज अजनबी मुझे
क्या कोई लेकिन दिल्लगी के काबिल है
बाकी रहेंगी कुछ हसरतें लेकिन ...