kahani
उन दिनों भीड़ मे कई कहानिया जिन्दा थी कुछ तो हुयी मुक्कमल कुछ अधूरी रह गयी...
सुनकर की दुवाए क़ुबूल ...
सुनकर की दुवाए क़ुबूल ...