तेरा डर,तू ही रख........साले!
क्या है ज़माना ये,
बात खुदगरज़ी की करते हैं,
इमान सिक्कों पे बिकता है,
कि एक तरफ,
कहता नेता कि,
मेरा बेटा बेगुनाह है,
दूसरी तरफ कहे,
"उस महिला की मृत्यु का,
मुझे खेद बड़ा है"।
हैं एक तरफ,
लगाते फांसी,
"कि लड़कियों का,
अकेले निकलना मना"।
हराम,कहते ओर दूसरी,
"डरना मना है"।
बात खुदगरज़ी की करते हैं,
इमान सिक्कों पे बिकता है,
कि एक तरफ,
कहता नेता कि,
मेरा बेटा बेगुनाह है,
दूसरी तरफ कहे,
"उस महिला की मृत्यु का,
मुझे खेद बड़ा है"।
हैं एक तरफ,
लगाते फांसी,
"कि लड़कियों का,
अकेले निकलना मना"।
हराम,कहते ओर दूसरी,
"डरना मना है"।