अकेले
रात चुभती है आंखोंमे… नींद बरस गयी तकिये पे
छत को ढूंढते हुए अकेलेमें.. अंधेरोंसे दोस्ती कर ली
क्यों जाग रहे हो, पुछा उसने सिसकते हुए..
तकिये के सिरहाने आ...
छत को ढूंढते हुए अकेलेमें.. अंधेरोंसे दोस्ती कर ली
क्यों जाग रहे हो, पुछा उसने सिसकते हुए..
तकिये के सिरहाने आ...