...

12 views

उलझन
अब तो तुम्हे बात करने की तलब भी ना रही...
शायद अब मैं जैसी पहले थी, वैसी ना रही...
मेरी भी अब नाराजगी ना रही...
शायद मेरी दिल में वो तड़प ना रही..।

तेरा मेसेज भी फॉर्मेलिटी वाला हो...