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हर अदा भा गई है मुझे मेरे यार की...❤️
हर अदा भा गई है मुझे मेरे यार की
बात नज़रों से वो कर जाता प्यार की!
क़त्ल करने को तेरी नज़र है बहुत
फिर ज़रूरत है क्या तुझको तलवार की!!
दिल के सहरा में फिर गुल महक जायेंगे
हो जाए नज़र-ए-इनायत तेरे प्यार की!
अपनी बाहों में, आ फिर छुपा लूं तुझे
छोड़ दे करना परवाह तू इस संसार की !!
बन के तुलसी मैं आंगन को तेरे महकाउंगी
मुझको चाहत है तेरे संसार की !!
तेरी महफ़िल में हैं गोपियां और भी
फिर ज़रूरत है क्या तुझे मेरे ही प्यार की!
वो गैरों से नज़रें मिलाता रहा
खैरियत भी न ली अपने बीमार की
दिल जलाता रहा मुस्कुराता रहा
ज़िन्दगी इस क़दर उसने दुश्वार की !!
तू जो देता सदा लौट आते सनम
बात थी ही नही कुछ भी तकरार की !!
हमको वादे पे तेरे नहीं अब यकीं
बात यूं न बना फिर से बेकार की !!
कब्र में चैन हमको है हासिल कहां
आस जो रह गई तेरे दीदार की !!
सांप ही सांप "सन्दल" से लिपटे रहें
है ज़रूरत कहां हमको तलवार की !!!
~P.s