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दिलपाक बेगमों की दास्तान (Resource -Heeramandi)
हमारी शायरी के नुख्तो को वाहवाही तो मिलती है,
पर उसमें छिपे दर्द को कोई ना ऑंके।
कुछ दर्द तो शायरी में लिख दिया
और कुछ जो हमारे दिल में रह गया
उसे कोई ना जॉंचे।
हर कोई मालूम रखता है हमारे घर का रास्ता शहर की बदनाम गलियों से होकर गुजरता है,
दिल की आबाद इस शख्सियत को कोई ना जाने।
* वफा चाहते हैं,डगा पाते हैं
फिर भी गद्दार हम ही कहलाते हैं
‌ अपनी कोख में हर जात को
पालने वाले हम बदजात कहलाते हैं।


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