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भंवर तेरे गालों के..!♥️🌸🤗
साहिबा, तुम जो झुंझला कर
कहती हो हमसे
कि—
गालों पे जो पड़ते हैं भंवर,
तो पड़ते हैं,
इसमें हम क्या करें?
🤗
जायज़ है बात तुम्हारी
और वज़नदार भी मगर,
हमें भी तो दीजिए मश्विरा,
हम नाज़ुक दिल और
मासूम रूह सच में क्या करें?
🤗
बोलो तो, साहिबा,
हम क्या करें,
खुदकश से हुए जाते हैं हम,
दीजिए आज तो मश्वरा लाज़िमी
कि—
हम ये भंवर निहारें
या इनमें जाकर डूब मरें?!
🤗☺️🌸♥️☺️🤗
— Vijay Kumar
© Truly Chambyal
कहती हो हमसे
कि—
गालों पे जो पड़ते हैं भंवर,
तो पड़ते हैं,
इसमें हम क्या करें?
🤗
जायज़ है बात तुम्हारी
और वज़नदार भी मगर,
हमें भी तो दीजिए मश्विरा,
हम नाज़ुक दिल और
मासूम रूह सच में क्या करें?
🤗
बोलो तो, साहिबा,
हम क्या करें,
खुदकश से हुए जाते हैं हम,
दीजिए आज तो मश्वरा लाज़िमी
कि—
हम ये भंवर निहारें
या इनमें जाकर डूब मरें?!
🤗☺️🌸♥️☺️🤗
— Vijay Kumar
© Truly Chambyal
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