रूबरू
रूबरू हम बैठे हैं
रूबरू तुम बैठें हो
ख़ामोशी लिए लबों पर
ना तुम कुछ कहते
ना हम कुछ कहते
चल फ़िर थोड़ा इज़हार हो
इक दूजे से इकरार हो
जुबां पे मोहब्बत नाम आए
ना दिल यूं ज्यादा बेकरार हो
सिर्फ़ नजरें अब तक मिल रहीं
वो भी इधर-उधर हो रहीं हैं
हया थोड़ी मिटाते हैं चलों
वक्त की कश्ती बढ़ रही हैं
आहिस्ता आहिस्ता नजदीक आओ
थोड़ा ही सही पर गुनगुनाओ
तेरी ख़ामोशी रास नहीं आती
गीत मोहब्बत का हमें सुनाओ
बंधक बन जाएं इस वास्ते में
ना छोड़े साथ किसी रास्ते में
तेरी मुस्कराहट का मैं तलबगार हूं
जो ना टूटें कभी वो ऐतबार हूं
दिल दे जाना तो दस्तूर हैं
पर...
रूबरू तुम बैठें हो
ख़ामोशी लिए लबों पर
ना तुम कुछ कहते
ना हम कुछ कहते
चल फ़िर थोड़ा इज़हार हो
इक दूजे से इकरार हो
जुबां पे मोहब्बत नाम आए
ना दिल यूं ज्यादा बेकरार हो
सिर्फ़ नजरें अब तक मिल रहीं
वो भी इधर-उधर हो रहीं हैं
हया थोड़ी मिटाते हैं चलों
वक्त की कश्ती बढ़ रही हैं
आहिस्ता आहिस्ता नजदीक आओ
थोड़ा ही सही पर गुनगुनाओ
तेरी ख़ामोशी रास नहीं आती
गीत मोहब्बत का हमें सुनाओ
बंधक बन जाएं इस वास्ते में
ना छोड़े साथ किसी रास्ते में
तेरी मुस्कराहट का मैं तलबगार हूं
जो ना टूटें कभी वो ऐतबार हूं
दिल दे जाना तो दस्तूर हैं
पर...