...

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विश्वास
जिससे मोहब्बत है उससे नफरत नहीं कर सकता
उसकी यादों को भी खुद से, जुदा नहीं कर सकता

है महत्वपूर्ण वह शख्स कितना मेरे लिए बता सकता
बिछड़ने से पहले उसे हाल ए दिल अगर सुना सकता

टूट टूट कर बिखरने से अच्छा,उसे राज ए टूटने का बता सकता
दिल में अपनी बसी मूरत उसकी,शायद उसे कभी दिखा सकता

करता कितनी मोहब्बत उससे,एहसास उसे करा सकता
दुरियो के दरमिया उससे इज़हार ए मोहब्बत कर सकता

ना होती बेवफाई तब मोहब्बत में,कसम खुदा की कह सकता
उसे खुद से ज्यादा चाह कर,अगर उसकी चाहत मैं बन सकता