वहाँ मुँह खोल जाते हैं।
कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं
जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं
कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं
कटा एक सीन पिक्चर का सारे बोल जाते हैं
नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं
मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं
बहुत ऊँची दुकानों...
जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं
कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं
कटा एक सीन पिक्चर का सारे बोल जाते हैं
नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं
मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं
बहुत ऊँची दुकानों...