छाया की आँखों से दिखती कहानी...!!!
#छाया की कहानी
छाया की आँखों से दिखती कहानी,
उसके मन की अनकही जुबानी।
देखती रही वो उम्र की धारा,
कैसे बीते ये दिन और रातों का किनारा।।१।।
जब पहला कदम उसने संग उठाया,
छाया ने भी अपने को पास पाया।
खिलखिलाहटों में छुपा वो मुस्कान,
एक दूजे का था जैसे सच्चा सम्मान।।२।।
वो बचपन की धूप, जवानी की छाँव,
छाया ने देखा हर एक भाव।
पर अब...
छाया की आँखों से दिखती कहानी,
उसके मन की अनकही जुबानी।
देखती रही वो उम्र की धारा,
कैसे बीते ये दिन और रातों का किनारा।।१।।
जब पहला कदम उसने संग उठाया,
छाया ने भी अपने को पास पाया।
खिलखिलाहटों में छुपा वो मुस्कान,
एक दूजे का था जैसे सच्चा सम्मान।।२।।
वो बचपन की धूप, जवानी की छाँव,
छाया ने देखा हर एक भाव।
पर अब...