क़यामत
क़यामत रात कि शांत रात्रि
उसी में निराशाओं से भारी इस
निःसंग नायक कि अन्तरमात्मा
मन में कभी प्रज्वलित न हुआ !!
और अनजाने में खोया हुआ अग्नि.. ...
उसी में निराशाओं से भारी इस
निःसंग नायक कि अन्तरमात्मा
मन में कभी प्रज्वलित न हुआ !!
और अनजाने में खोया हुआ अग्नि.. ...