...

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#तसल्ली
बस यही मुझे, के याद हूं अब भी तुझे,
जी रहा था मलाल में, जाके अब मिला है सुकूं मुझे!

आ रहा है याद वो दिन, नज़रें मिली थी जिस दिन,
मेरे दिल में बस गया था, तेरा देख के शर्माना मुझे!

फ़िर होने लगी थी मुलाकातें, कसमें, वादे, वो ढ़ेरों बातें,
मैं सोचता था बस तुम्हें, यूं भा गई थी तुम मुझे!

वो भी क्या दिन थे, नहीं मैं और तुम, बस हम थे,
भूल गया था ख़ुद को भी मैं, बस याद थी तुम मुझे!

याद आ रही है वो घड़ी, जब लगाई थी तूने आंशुओ की झड़ी,
तुमने कहा था के मजबूर हूं, तुम भी भूल जाना अब मुझे!

मैं रो रहा था दहाड़ कर, जैसे मेघ फट पड़ा हो जमीन पर,
जब तेल ही नहीं बचा हो तो, फिर कोई दीपक कैसे ना बुझे!

मैं निस्तब्ध था ये हो गया क्या, मेरी गांठ से कुछ खो गया क्या,
'देशवाल' दिल कभी भी माना नहीं, ज़हन कहता रहा वो गई भूल तुझे!
-JD
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