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bikhar
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
"समझौता कर ले, दिल की बातें सुना ले,
क्योंकि तू और मैं, दोनों ही साथ चलें।
हठ कर बे, अपने अहंकार को छोड़ दे,
जिंदगी को आसानी से आगे बढ़ा ले।
शीशा नहीं, दिलों की बातों में टिकता है,
जो तू और मैं मिलकर, एक-दूसरे के साथ सीखता है।"
"रिश्तों में मिठास, समझौते से ही आती है,
विवादों को हल, समझदारी से मिलती है।
चलो एक दूसरे के साथ, प्यार और सम्मान में,
संगठित और आत्मसात के रास्तों पर हम चले "जीवन की यात्रा, समझौते के साथ ही,
मिलती है सफलता, खुशियों की नई रीत है।
प्रेम और समर्पण, हर रिश्ते की शान है,
अन्त में हम सब, प्रेम की जीत है जिसकी पहचान है।"
© dhafrani th
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