...

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घर का कुल दीपक #स्त्री
घर का कुल दीपक नहीं कही जाती
पर हर घर की रोशनी हैं हम,
किरदारों की गिनती नहीं हर नाज़ुक
रिश्ते की मधुर ध्वनि हैं हम,
बात कल की करूं या आज की
समाज का आधार हैं हम,
फिर क्यों बराबरी पर अड़ी है सोच ये
क्यों समझते हो लाचार हैं हम,
क्या दूं मिसाल करने को साबित कि
समूल जाति का अस्तित्व हैं हम,
केवल जीव मात्र नहीं हैं; है करते
इस जीवन का नेतृत्व भी हम,
है क्षेत्र कौन सा वो जहां नहीं की
हमने अगुवाई है,
कभी बन...