सहारा
अनजानी राह पर चलता चला गया
मंजिल का मेरे कोई पता भी ना रहा
जब तुने थामा हाथ मरके मैं जी गया
डगमगाती कश्ती को सहारा मिल गया
मंजिल का मेरे कोई पता भी ना रहा
जब तुने थामा हाथ मरके मैं जी गया
डगमगाती कश्ती को सहारा मिल गया
Related Stories