गए तुम गए हो क्यूं💔
खता मेरी आख़िर क्या थी
तुमको बेपनाह चाहना?
आंखों में बस ख़्वाब तुम्हारे थे
अब ये सूनी सूनी रहती हैं
कोई नया ख़्वाब देखने से
बहुत डरती हैं
तुमको खबर थी तुम मेरी ज़िन्दगी हो
इसके बावजूद भी तुम जुदा हो गए
मेरी फ़िक्र तक ना की
दवा थे सज़ा हो गए
कभी ना बदलने का...
तुमको बेपनाह चाहना?
आंखों में बस ख़्वाब तुम्हारे थे
अब ये सूनी सूनी रहती हैं
कोई नया ख़्वाब देखने से
बहुत डरती हैं
तुमको खबर थी तुम मेरी ज़िन्दगी हो
इसके बावजूद भी तुम जुदा हो गए
मेरी फ़िक्र तक ना की
दवा थे सज़ा हो गए
कभी ना बदलने का...