वो एक अजिब सफर
क्या कहू मै अपनी कहाणी अपनी जुबानि
फिर भी कहता हू अपनी कहाणी अपनी ही जुबानी.
दिल्लगी तो बहुत कि थी हमने
मगर मोहब्बत सिर्फ आपसे हुई थी हमे..
'तेरी हसी, तेरा बचपणा सबकुछ जिया था हमने
कभी किसी के लिये नही बेहका उतना दिल बेहका था आपके लिये..
सबके साथ जिया,पर जिंदगी भर जिने कि खाहीश सिर्फ आपके साथ हुई थे हमे..
गलतिया तो बहोत कि हमने, उनसे रुबरू भी थे शायद..
आपको बताना चाहते भी थे शायद.. लेकिन कही तो डरते थे. शायद कही आप छोड ना जाये हमे.
चलो ऊन बातो का मतलब नही रहा अब, पर
एक बार कहते,तो हर वो गली छोडकर आपके पास रेह जाते हम..
आज भी आवाज देकर देखणा शायद हम सब नि्छावर कर दे आपके लिये...
लेकिन सच्ची दिल्लगीया बहुत कि थी हमने..
पर मोहब्बत सिर्फ आपसे हुई थी हमे......
......✍️ Raj कि कलम...
फिर भी कहता हू अपनी कहाणी अपनी ही जुबानी.
दिल्लगी तो बहुत कि थी हमने
मगर मोहब्बत सिर्फ आपसे हुई थी हमे..
'तेरी हसी, तेरा बचपणा सबकुछ जिया था हमने
कभी किसी के लिये नही बेहका उतना दिल बेहका था आपके लिये..
सबके साथ जिया,पर जिंदगी भर जिने कि खाहीश सिर्फ आपके साथ हुई थे हमे..
गलतिया तो बहोत कि हमने, उनसे रुबरू भी थे शायद..
आपको बताना चाहते भी थे शायद.. लेकिन कही तो डरते थे. शायद कही आप छोड ना जाये हमे.
चलो ऊन बातो का मतलब नही रहा अब, पर
एक बार कहते,तो हर वो गली छोडकर आपके पास रेह जाते हम..
आज भी आवाज देकर देखणा शायद हम सब नि्छावर कर दे आपके लिये...
लेकिन सच्ची दिल्लगीया बहुत कि थी हमने..
पर मोहब्बत सिर्फ आपसे हुई थी हमे......
......✍️ Raj कि कलम...