आसा नही है नारी का सफर
#EmotionalDuality
आसा नही है एक नारी के लिए,
मायके से ससुराल तक का,
बेटी से बहू बन जाने तक का ये सफर,
न जाने कितने सारे मन से चला करती हैं
सारी उलझने सुलझा कर ,
खुद को उस...
आसा नही है एक नारी के लिए,
मायके से ससुराल तक का,
बेटी से बहू बन जाने तक का ये सफर,
न जाने कितने सारे मन से चला करती हैं
सारी उलझने सुलझा कर ,
खुद को उस...