...

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बातूनी चांद
#MoonlitMagic
आंखे चंचल है ,मन अविरल है
है रात बड़ी मदहोशी में
आज हम तुम है खामोश बड़े
और चांद बड़ा बातूनी है
चंदा की शीतल छांव में
एकटक ही उसको निहारते रहे
और हाथ पकड़ एक दूजे का
मन ही मन हम शर्माते रहे
वो रात बड़ी खामोश सी थी
पर मन में थे तूफान बड़े
पर हम तुम थे खामोश पड़े
और चांद बड़ा बातूनी था.....
© priya writes....✍️