...

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जीव तो है सब एक समान
जीव तो है सब एक समान,
चाहे हो, गौ,भैंस,बकरी,पशु सब है महान,
फिर क्यों देखे स्वार्थी बन कर सिर्फ एक का अपमान?

स्वार्थ के लिए बेचा जाना पशुओ को कानून ने सही ठहराया,
गौ है माता इसलिए उसके काटे जाने पे बिल बनाया,
भैंस,बकरी,और अन्य पशु भी है जीव यह भूल गए सब,
अन्य पशुओं के लिए कानून ना आगे आया...

व्यक्तिओ की स्वार्थी प्रवृत्ति ने बेच दिया पशुओ को,
आर्थिक स्थिति बढ़ाने के लिए जान लेली पशुओ की फिर चाहे हो भैंस,बकरी या गौ...

भावुक स्वार्थ ने गौ को काटना गलत ठहराया,
अन्य पशुओं को काटना है सही यह कानून में लिख के आया,
स्वार्थ की कीमत पशुओ की जान भी पूरी ना कर पाया.....

भावुकता का स्वार्थ हमे समस्या की जड़ से कर रहा है...