...

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रिश्ता तुम्हारा मेरा
दुआ है उस रब से सलामत रहे रिश्ता तुम्हारा मेरा
शब-ए-वस्ल से यूँही चलता रहा रिश्ता तुम्हारा मेरा

तेरा साथ न छूटे कभी और यूँही रह जाते उम्रभर
पर तराजू-ए-इश्क़ में तोलता रहा रिश्ता तुम्हारा मेरा

चारों तरफ़ बढ़ते रहे चिंगारी नफ़रत की आग की
रंजिशों की भीड़ में पलता रहा रिश्ता तुम्हारा मेरा

एक चिंगारी गलतफहमी की क्या न लगी मन में
बस उस कश्माश में मलता रहा रिश्ता तुम्हारा मेरा

गिले शिकवे से ही अब कठता ये दिन-ओ-रात मेरा
वक़्त के साथ साथ ढलता रहा रिश्ता तुम्हारा मेरा
© Raj
#shreerajmenon