चलो कुछ लिख ले
चलो कुछ लिख ले और जिले कुछ अपने मिजाज में
फिर कहां आएगा ये साल, ये दिन, ये पल!
चलो कुछ जिले लिख के कुछ अपने मिजाज में।
वैसे तो जी लेते है हर कोई हर पल यहां
लेकिन ये अपना वाला पल है उसका कुछ अलग ही मिजाज है।
अरे नही, ये हम आपके लिए नहीं लिख रहे है।
ये तो खास बखूबी तरास के निकले हुए शब्द है,
खास हमारे लिए
आप के लिए पूरा दिन तो निकाल ही लेते है,
लेकिन ये लम्हा कुछ खास है।
ये है बस हमारा और हमारी लिखी इस रचना का
बस हम और हमारे ये विचारों से गिरे शब्द रुपी मोती
@soch_vichar
© All Rights Reserved
फिर कहां आएगा ये साल, ये दिन, ये पल!
चलो कुछ जिले लिख के कुछ अपने मिजाज में।
वैसे तो जी लेते है हर कोई हर पल यहां
लेकिन ये अपना वाला पल है उसका कुछ अलग ही मिजाज है।
अरे नही, ये हम आपके लिए नहीं लिख रहे है।
ये तो खास बखूबी तरास के निकले हुए शब्द है,
खास हमारे लिए
आप के लिए पूरा दिन तो निकाल ही लेते है,
लेकिन ये लम्हा कुछ खास है।
ये है बस हमारा और हमारी लिखी इस रचना का
बस हम और हमारे ये विचारों से गिरे शब्द रुपी मोती
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