...

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इन्तजार
मोहब्बत की छोटी सी दिया है मेरे दिल में
बस आपके आने की देरी, इसे जलाने में

नजरें बिछा के रखती हूँ उन्हीं राहों पे
जहाँ से रुखसत होकर आप चले थे
बैठी मैं यादों के सहारे खुद को भूलकर
आँखों में थोड़ी से नमी लिए वक्त से हारकर

भीग गयी है मेरी नजरें आपके इन्तजार में
बस आपके आने की देरी, इसे मिलाने में

बेहद बेक़रार है हम यहाँ यादों में आपकी
जुस्तजू रहतें हैं हमे, आपकी ख़बर आने की
चाहता है दिल, लूटा दूँ आप पे पूरी इबादत
ज़रा कदम तो रखिए, सजा दूँ मैं सारी चाहत

बिखर गए हैं सारे सुहाने सपने, मेरे दिल में
बस आपके आने की देरी, इसे सजाने में

© Krishnan
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