महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर समर्पित एक सम्मान पत्र
ना हो जिसे प्रशंसा और सम्मान का लोभ
जिसको हो सिर्फ कर्म करने की चिंता
जिसका हर कर्म हो दिल से दिल तक पहुंचने वाला
दिल को सुकून देने वाला
जो निस्वार्थ भाव से समझे सबको एक समान
जो बस जाए सबके दिलों...
जिसको हो सिर्फ कर्म करने की चिंता
जिसका हर कर्म हो दिल से दिल तक पहुंचने वाला
दिल को सुकून देने वाला
जो निस्वार्थ भाव से समझे सबको एक समान
जो बस जाए सबके दिलों...