माँ
माँ के यहां,
हर गलती की माफ़ी है,
दो पल अच्छे से बात कर लो,
उसके लिए यहीं काफी है,
गर है माँ बूढ़ी, और हो साथ,
उसके लिए यहीं काफी है,
हो उसके बच्चे दो या चार,
कभी किसी से की नहीं नाइंसाफी है,
बुढ़ापे की लाठी हो तुम,
उसके लिए यहीं काफी है,
पूरे कोई कर...
हर गलती की माफ़ी है,
दो पल अच्छे से बात कर लो,
उसके लिए यहीं काफी है,
गर है माँ बूढ़ी, और हो साथ,
उसके लिए यहीं काफी है,
हो उसके बच्चे दो या चार,
कभी किसी से की नहीं नाइंसाफी है,
बुढ़ापे की लाठी हो तुम,
उसके लिए यहीं काफी है,
पूरे कोई कर...