चरित्र
अगर कोशिश मुझे बदलने की है तो मेरे दोस्त यह कोशिश व्यर्थ है तुम्हारी दुनिया सही गलत का फर्क करके चरित्र का निर्माण करती है परंतु वह यह अनदेखा करती है कि किस परिस्थिति में यह व्यक्ति कार्य करता है यह दुनिया चरित्र से मनुष्य की तुलना...