उठ ना सकेंगे जनाजे़ तुम्हारे
भड़काते हैं मुझको
सताते हैं मुझको,,
है उनके लिए पैगाम
जो रूलाते हैं मुझको,,
सताते ही रहना रूलाते ही रहना
हो सके जितना तड़पाते ही रहना,,
भारी कीमत चुकाओगे एक दिन
सेह सको जीतना उतना ही कहना,,
तुम क्या जानो मेरी...
सताते हैं मुझको,,
है उनके लिए पैगाम
जो रूलाते हैं मुझको,,
सताते ही रहना रूलाते ही रहना
हो सके जितना तड़पाते ही रहना,,
भारी कीमत चुकाओगे एक दिन
सेह सको जीतना उतना ही कहना,,
तुम क्या जानो मेरी...