अधूरापन...
कितना भरा सा हैं..
कितना खाली खाली..
और ये अधूरापन... कौन सवाली. मेरे मन का..
अधूरा अनसुना रह रहा मैं
बीच मझधार बह रहा मैं..
कितना कुछ सहना पड़ता..
कुछ नहीं फिर कहना...
कितना खाली खाली..
और ये अधूरापन... कौन सवाली. मेरे मन का..
अधूरा अनसुना रह रहा मैं
बीच मझधार बह रहा मैं..
कितना कुछ सहना पड़ता..
कुछ नहीं फिर कहना...